अक्सर हमारे घरेलू काम भी कभी कभी बहुत टेंशन देने लगते है उनको निपटाने में हमको किसी ऐसे की जरूरत होती है जो हमारी मदद करे लेकिन साहब आज ...
अक्सर हमारे घरेलू काम भी कभी कभी बहुत टेंशन देने लगते है उनको निपटाने में हमको किसी ऐसे की जरूरत होती है जो हमारी मदद करे लेकिन साहब आज कल सुनता कौन किस की है छोटे भाई से घर के काम को कहते है तो जवाब मिलता है की मुझे दोस्त के पास जाना है । सिस्टर से कहे तो जवाब मिलता है आप ही कर लो मुझे अभी कॉलेज का काम करना है । अब पिताजी से तो कह नहीं सकते वो तो ऑफिस के काम से ही थक जाते है । अब माता जी जी ही एक है जो मादा करती है या फिर यूं कहे की बड़े माता जी की मदद करते है । लेकिन अब एक खुशखबरी है रूको रूको -----अभी बताते है ---
साइंसदानों ने आखिरकार एक ऐसा रोबोट तैयार कर ही लिया जो घरेलू कामकाज में मदद कर सकता है। इसमें अच्छी खबर यह है कि पीआर2 नामक रोबोट तौलियों की तह लगाने जैसा बढ़िया काम भी कर सकता है। जबकि बुरी खबर है कि यह हर तौलिए को तह लगाने में 25 मिनट का समय लेता है।
जाहिर है कि घरेलू महिलाएं इस उपलब्धि से कोई खास उत्साहित नहीं होंगी लेकिन रोबोट मशीनरी के मामले में यह एक महत्वपूर्ण सफलता है। अब तक डिजाइन किए गए रोबोट जटिल काम भी कर लेते हैं लेकिन उनके काम में दोहराव होता है जैसे कि असैम्बली लाइन में कारों का निर्माण जहां उनका एक समान रूप और आकार की वस्तुओं से सामना होता है।
साइंसदान एक ऐसा रोबोट बनाने की कोशिश करते रहे हैं जो ऐसी वस्तुओं को समझ कर उनका इस्तेमाल कर सकें जिन्हें उन्होंने पहले न देखा हो और जिनका रूप भी उनके लिए नया हो। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले में एक टीम ने अथक रिसर्च के बाद एक ऐसा कंप्यूटर प्रोग्राम तैयार किया ताकि पीआर2 काम करते वक्त अक्ल का इस्तेमाल भी कर सके।
एक परीक्षण के दौरान पीआर2 ने विभिन्न आकार, रंग और मैटीरियल वाले तौलयों के ढेर से छांट कर उनकी तह लगाई। यह वीडियो क्लिप यूट्यूब पर भी डाला गया है जिसे दर्शनीय बनाने की लिए स्पीड 50 गुना बढ़ाई गई है। टीम में शामिल एक कंप्यूटर वैज्ञानिक पीटर एबील ने दावा किया कि पीआर2 के इस कौशल ने रोबोटों के विकास से संबंधित एक मुख्य मुद्दे को हल कर दिया है। रोबोटों और कंप्यूटरों को ऐसी वस्तुओं से निपटने में दिक्कत आती है जिनका आकार बिगड़ जाता है जैसे कि तौलिया।
लेकिन साहब जब तक ये रोबोट मार्केट में घरेलू कामो के लिए उपलब्ध होगा तब तक शायद हम बूड़े हो जाये। चलो कोई बात नहीं अगर हम नहीं तो सहायद हमारी आने वाली पीडी इसका उपयोग कर सके । दुनिया बदल रही है भाई टेक्नीकल तो बनना ही पड़ेगा । आखिर कंप्यूटर का राज है .................
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